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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

अध्याय - 8

चीन का संविधान

(The Constitution of China)

प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. चीन के राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के संगठन पर प्रकाश डालिए।
अथवा
चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के गठन का विवरण दीजिए।
2. जनवादी कांग्रेस के सदस्यों के अधिकार एवं कर्त्तव्य पर लेख लिखिए।
3. चीन में समिति व्यवस्था से आप क्या समझते हैं?
4. जनवादी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
5. जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

चीन में विधानमंडल की सर्वोच्चता को स्वीकार किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 57 में इसे 'राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के नाम से सम्बोधित किया गया है और इसे राज्य शक्ति के सर्वोच्च अंग के रूप में दर्शाया गया है। अनुच्छेद 57 ही इसकी एक स्थायी समिति की व्यवस्था करता है। अनुच्छेद 58 के अनुसार राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस और उसकी स्थायी समिति राज्य की विधायी शक्ति को प्रयुक्त करने वाला अंग है।

जनवादी कांग्रेस : रचना एवं संगठन - चीन का विधानमंडल जिसे राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस कहते हैं, एक सदनात्मक विधानमंडल है। उल्लेखनीय है कि 1954 1975 1978 के चीन के संविधान में भी एकसदनीय विधानमंडल की ही व्यवस्था की गई थी। संविधान के अनुच्छेद 59 में जनवादी कांग्रेस की रचना एवं संगठन पर प्रकाश डाला गया है। चीन की जनवादी कांग्रेस 1. प्रान्तों के निर्वाचित प्रतिनिधियों 2. स्वशासित क्षेत्रों के प्रतिनिधियों 3. सशस्त्र सेना के निर्वाचित प्रतिनिधियों 4. केन्द्र के सीधे नियंत्रण वाली नगरपालिकाओं के प्रतिनिधियों से निर्मित होती है। इसके अतिरिक्त चीन में रहने वाले अल्पमतों के सभी वर्गों को भी इसमें उचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के प्रतिनिधियों की संख्या एवं उसके चुने जाने की विधि कानून द्वारा निर्धारित होती है। प्रतिनिधियों का निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होता है। अनुच्छेद 34 के अनुसार चीन के वे सभी नागरिक जिन्होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, चुनाव में उम्मीदवार बनने एवं मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र होते हैं। केवल वे लोग इससे वंचित होंगे जिन्हें विधि के द्वारा राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। चीन के विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के प्रतिनिधियों या सदस्यों को 'डिप्टी' कहा जाता है।

इस प्रकार सशक्त दक्ष एवं चरित्रवान उम्मीदवार ही जनता के माध्यम से जनवादी राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य निर्वाचित होते हैं। अनुच्छेद 60 के अनुसार जनवादी कांग्रेस की कार्य अवधि 5 वर्ष की होती है। इसी अनुच्छेद के अनुसार जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति का यह उत्तरदायित्व है कि वह इस अवधि की समाप्ति के दो माह पूर्व ही नयी जनवादी कांग्रेस के निर्वाचन को संपन्न करवा ले। विशेष परिस्थितियों में स्थायी समिति दो तिहाई बहुमत से इन चुनावों को स्थगित कर कार्यरत जनवादी राष्ट्रीय कांग्रेस के कार्यकाल को बढ़ा सकती है। लेकिन इस 'विशेष परिस्थिति के समाप्त होने के एक वर्ष के भीतर ही आगामी जनवादी राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों का निर्वाचन हो जाना अनिवार्य है।

वर्ष में एक बार जनवादी कांग्रेस का अधिवेशन स्थायी समिति द्वारा बुलाया जाता है। अनुच्छेद 61 के अनुसार स्थायी समिति आवश्यकता पड़ने पर कांग्रेस का अधिवेशन किसी समय भी आहूत कर सकती है। राष्ट्रीय जन कांग्रेस अपने अधिवेशन के लिए जब एकत्रित होती है तो अपनी बैठकों का सुचारु रूप से संचालन करने के लिए प्रतिवर्ष एक 'प्रेसीडियम' चुनती है।

कांग्रेस के सदस्यों के अधिकार एवं दायित्व - चीन के नये संविधान (1982) में कार्यपालिका एवं प्रशासन सम्बन्धी अधिकार 'राज्य परिषद को सौंपे गये हैं। अनुच्छेद 85 के अनुसार यह राज्य परिषद राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस तथा उसकी स्थायी समिति के प्रति उत्तरदायी है। इसी क्रम में अनुच्छेद 73 राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों को राज्य परिषद से प्रश्न पूछने एवं जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। स्थायी समिति को भी यह अधिकार प्राप्त है। ये प्रश्न राज्य परिषद के अतिरिक्त मंत्रियों एवं राज्य परिषद के अधीन आयोगों से भी पूछे जा सकते हैं। उत्तरदायित्व ढंग से इनका उत्तर देना उनका संवैधानिक कर्त्तव्य है।

अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रीय जन कांग्रेस के किसी भी सदस्य को अधिवेशन के दौरान उस वर्ष के लिए चुनी गयी प्रेसीडियम की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अनुच्छेद 75 के अनुसार राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य अधिवेशन के दौरान व्यक्त किये गये अपने विचारों या मतदान के लिए वैधानिक रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराये जा सकते। अनुच्छेद 76 के माध्यम से चीन का संविधान इन सदस्यों से यह अपेक्षा करता है कि ये अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठापूर्वक करेंगे और उन नागरिकों से अपना घनिष्ठ सम्पर्क बनाये रखेंगे जो उन्हें निर्वाचित करते हैं। अनुच्छेद 77 ऐसे सदस्यों को वापस बुलाये जाने का नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है, जो अनुच्छेद 76 में अपेक्षित अपने कर्त्तव्यों क उचित ढंग से निर्वहन नहीं कर पाते।

समिति व्यवस्था - राष्ट्रीय जन कांग्रेस अपने कृत्यों को भली प्रकार से करने के लिए समितियों का प्रयोग करती है। अनुच्छेद 70 के अनुसार राष्ट्रीय जन कांग्रेस एक राष्ट्रीयताओं की समिति, विधि समि शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, समुद्र पार चीनी हितों से संबंधित समिति आदि अनेकों समितियों का निर्माण करती है। जब राष्ट्रीय जन कांग्रेस अधिवेशन में नहीं होती तब ये विशेष समितियाँ स्थायी समिति के निर्देशानुसार कार्य करती हैं। ये विशेष समितियाँ राष्ट्रीय जन कांग्रेस के निर्देशानुसार अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों में विधेयकों के निर्माण के साथ-साथ अपने-अपने क्षेत्र से सम्बन्धित मामलों का परीक्षण एवं मूल्यांकन भी करती हैं। राष्ट्रीय जन कांग्रेस की सामान्यतया बैठक वर्ष में एक बार होती है। कांग्रेस अपने अधिवेशन में न होने की दशा में अपने समस्त कार्यों के संपादन के लिए एक स्थायी समिति का निर्वाचन करती है। अनुच्छेद 65 के अनुसार कांग्रेस स्थायी समिति के किसी भी सदस्य को अपने कार्यों को भली प्रकार से न करने के कारण वापस भी बुला सकती है। साथ ही साथ स्थायी समिति का सदस्य अपनी इस समिति की सदस्यता की अवधि में किसी भी तरह के प्रशासकीय न्यायिक या अन्य राजकीय पदों पर नियुक्त नहीं हो सकता। स्थायी समिति की अवधि राष्ट्रीय जन कांग्रेस की कार्यावधि के समान ही 5 वर्ष की होती है।

राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की शक्तियाँ एवं कार्य - 1982 के चीन के नये संविधान के अनुच्छेद 62 में कांग्रेस की शक्तियों एवं कार्यों पर प्रकाश डाला गया है-

1. संविधान में संशोधन करने की शक्ति कांग्रेस को प्राप्त है।

2. देश में संविधान को लागू करवाने एवं उसका निरीक्षण करने का अधिकार कांग्रेस को प्रदत्त किया गया है।

3. कांग्रेस फौजदारी, दीवानी एवं राज्य के विविध अंगों से संबंधित विविध कानूनों का निर्माण एवं संशोधन करती है।

4. जनवादी चीन के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चयन का अधिकार भी कांग्रेस को प्राप्त है।

5. चीन के राष्ट्रपति के परामर्श के अनुसार यह चीन की राज्य परिषद के प्रधानमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री की नियुक्ति पर निर्णय करती है तथा राज्य परिषद के प्रधानमंत्री की सिफारिश पर मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों जैसे स्टेट कौंसिलर्स, विभिन्न मंत्रालयों के मंत्रियों, आडीटर जनरल तथा राज्य परिषद के महासचिव की नियुक्ति करती है।

6. कांग्रेस चीन के केन्द्रीय सैनिक आयोग के अध्यक्ष का चयन करती है तथा उसके परामर्शानुसार आयोग के अन्य सदस्यों का निर्वाचन करती है।

7. चीन के सर्वोच्च जनवादी न्यायालय के सभापति के निर्वाचन का अधिकार भी जनवादी कांग्रेस को है।

8. कांग्रेस सर्वोच्च जनवादी प्रोक्यूरेटोरेट के प्रोक्यूरेटर जनरल का निर्वाचन करती है।

9. कांग्रेस आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए प्रस्तुत योजनाओं की जांच कर उन्हें स्वीकृति प्रदान करती है। साथ ही साथ उन्हें लागू करने से संबंधित विभिन्न रिपोर्टों पर चर्चा कर उन पर आवश्यक निर्णय लेती है।

10. देश के वार्षिक बजट का परीक्षण कर उसे स्वीकार करने का अधिकार कांग्रेस को है। यह बजट के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रतिवेदनों की जांच भी करती है।

11. स्थायी समिति द्वारा लिये गये अनुचित निर्णयों को बदलने या रद्द करने की शक्ति भी कांग्रेस के पास है।

12. नये प्रान्तों, स्वायत्त प्रदेशों एवं नगर पालिकाओं की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान करने की शक्ति कांग्रेस के क्षेत्राधिकार में है।

13. नये प्रशासनिक प्रदेशों की स्थापना का अधिकार भी कांग्रेस को ही प्राप्त है।

14. युद्ध एवं शान्ति के सम्बन्ध में निर्णय लेने की शक्ति कांग्रेस को ही है।

15. कांग्रेस के पास अन्य वे सारी शक्तियाँ एवं अधिकार हैं जो एक राज्य के सर्वोच्च अंग को प्राप्त नी चाहिए।

जनवादी राष्ट्रीय कांग्रेस को अनुच्छेद 63 कुछ और शक्तियाँ प्रदान करता है

1. चीन के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति को पदमुक्त करने की शक्ति।

2. प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, स्टेट कौंसिलरों, मंत्रालयों के मंत्रियों, आडीटर जनरल आदि को पद मुक्त करने की शक्ति।

3. केन्द्रीय सैनिक आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों को पदमुक्त करने की शक्ति।
4. सर्वोच्च जन न्यायालय के सभापति को पदमुक्त करने की शक्ति।
5. सर्वोच्च जनवादी प्रोक्यूरेटोरेट के प्राक्यूरेटर जनरल को पदमुक्त करने की शक्ति।

राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति - कांग्रेस चीन के नागरिकों की एक प्रति संस्था है। चीन का नया संविधान इसे व्यापक अधिकार भी प्रदान करता है। कांग्रेस की उपरोक्त शक्तियों के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि उसे लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक अधिकार प्राप्त हैं। किन्तु अपने व्यापक आकार एवं अत्यन्त अल्प समय के लिए अधिवेशन में होना, ये दो तत्व कांग्रेस की व्यावहारिक स्थिति में आमूल परिवर्तन कर देते हैं।

कांग्रेस वर्ष में एक बार अल्प समय के लिए अधिवेशन में होती है। अल्प समय में उपरोक्त व्यापक शक्तियों का भली प्रकार से प्रयोग नहीं हो सकता। जैसाकि पहले ही लिखा जा चुका है कि अधिवेशन में न होने पर उसकी समस्त शक्तियाँ उसी के द्वारा निर्वाचित स्थायी समिति को हस्तान्तरित हो जाती हैं। इस प्रकार लगभग वर्ष भर यह स्थायी समिति ही कांग्रेस की विभिन्न शक्तियों एवं अधिकारों का उपभोग करती है।

चीन में संवैधानिक दृष्टि से तो कांग्रेस सर्वोच्च है किन्तु व्यावहारिक स्थिति में नीति निर्धारण की मुख्य शक्तियाँ साम्यवादी दल के पोलित ब्यूरो के पास हैं। कांग्रेस की शक्तियाँ अधिकांशतः स्थायी समिति द्वारा प्रयुक्त होती हैं। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि स्थायी समिति साम्यवादी दल के नियंत्रण एवं निर्देशन में कार्य करती है। इस दल के प्रभावशाली नेता स्थायी समिति के सदस्य भी होते हैं। इस प्रकार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों ही रूप में साम्यवादी दल कांग्रेस की समस्त शक्तियों को स्थायी समिति के माध्यम से हथिया लेता है। इस प्रकार व्यावहारिक स्थिति में कांग्रेस केवल एक विमर्शात्मक संस्था है जो साम्यवादी दल वरा निर्धारित नीति पर मात्र अपनी स्वीकृति की मोहर लगाती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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